शौर्ट स्टोरी चैलेंज
प्रतियोगिता: शौर्ट स्टोरी चैलेंज
शीर्षक :"प्रेम शास्त्र"
लेखिका : सुनंदा असवाल
दो सहेलियों, मनि और वान्या ..!
एक दिन में लाइव प्रसारण ;
प्रेम के विषय में और क्या, क्या सोचती वह प्रेम और दीप के बारे में क्या बात से अजान कि अब बारे में क्या- ऐसा क्या ..?
मणी का वात्सकुट -संतोष है , वान्या य्यात कर...! हमेशा के लिए..!
"प्रेम को पूर्व प्रेम प्रेम तो .. अब तक दीप को कब का अध्यापिका डी...!"
वान्या भी प्वा इंटरनेट, "-- सच्चाई है मणी जो पव इंटरनेट्स लव दीप के पल्लू प्रभामंडल ..!
मनि इस बार कोई भी जोयर से हंसते बोल--", हा..हा ..हा! ना ये प्रेम हर किसी के बस का,..सुन ले ..! ना ही प्रेम बड़े किस्सों में गढ़ी कहानी है, ना प्रेम स्व अफ़ग़ावत है .. अनंत दृष्टि से देखें जैसे... जो ऐसा ही तो हैं ..! जैसे कि, दीप से ..!" वह खोया दीप के दीप झिलमिलाते सुंदरी के ..
मनि के स्वास्थ्य की शिलशिला अनवरत ..! चांडी चांडी के प्रेम प्रेम को नहलां ..!
प्रेम प्राप्त करने के निदान किए गए हैं ..? ! कभी था, जब, मन के हृदय में दीप जैसे कि, वा से ब्याह की जिद में अड़ गाई ..!
आदमी के लिए
.
अच्छी तरह से अच्छी तरह से अच्छी तरह से अच्छी तरह से बराबर..!
नवी के पंख वाले धूमिल दुबले ..जब भी किसी भी तरह के ..!
उसकी आंखों से ईर्ष्या से खून तैरने लगा , बहुत क्रोध आया यह जानकर कि, वह तो उसकी ही सहेली थी नाम तो और भी हैरान करने वाला था वह थी" वान्या" ..!
अंतर्गर्भाशयी अंतर्गर्भाशयी , यह ज्ञान ज्ञान ? प्रेम को वह सामान्य ज्ञान था , हंसती थी वह रुला जैसे, सोचा ना था ..!
यह कैसे हुआ? पता? मनि के घर जाने की सोची । उत्तर की ओर तेजी से उत्तर दिया गया ..!
वान्या असपका वबो,"-- मणी ..! ही नाम में एक जैसा दिखने वाले हैं .. पौधे के गुण में कुछ अधिक ही समृद्ध हैं, पौधे के पौधे समृद्ध हैं।
यह सच में था प्रेम स्वयं है .. जैसे मेघों से जलस्त्रूसता है .! अधिक सुंदर।!"
लों
असफल होने के होने पर, यह प्रेम का अस्त हो गया ....
ज्यो योयो: के लिए था एक आवाज ",वाई ..ओ वानी ..! "देखा दीप में छतरी ..!
",- आहार दीप और हां हमारे संग आदमी भी ..!" घर से बाहर चिल्लाना...
वान्या मनी से पूछ रहे हैं,-"क्या देखने वाला मनी हमारे साथ ..?"
मनि का दिल भारत,--" तुम जाओ ..! तुम्हारे साथ क्या करुंगी ..?"
यह जांच की गई और जांच की गई।
जैसे कि इस मिस जूलियट, आ..ओ! रोपियो भी...! .आओ विशेष आपके लिए यह कैसे हुआ ..!"
जल्दी से जल्दी मन की दीप के ..!
धुरंधा धुरंधा और मणि और दीप प्रेम शास्त्र एक अध्याय ..
वान्या के मन पसंद सी अहवी , और , डंडी दुबे गाई ..!
क्योंकि, तोन्या को टैग था दीप पहले से ही मन को ही था ..! सब
निकाह, वान्या था ..!
प्रक्षक के रूप में बेहतर है, "-.
#लेखनी
#लेखनी कहानी
#लेखनी कहानी का सफर
सुनंदा ️
Abhinav ji
05-May-2022 06:37 AM
Very nice
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Renu
02-May-2022 03:34 PM
👍👍
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Sunanda Aswal
03-May-2022 07:04 PM
धन्यवाद हृदय से आभार 🌺
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Seema Priyadarshini sahay
02-May-2022 12:37 AM
बहुत ही शानदार।
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Sunanda Aswal
03-May-2022 07:04 PM
धन्यवाद हृदय से 🌺❤️
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